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जापान की ये तीन दिग्गज कंपनियां जल्द मिला सकती हैं हाथ, विलय से होगा बड़ा मुनाफ़ा

जापान की तीन प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां – होंडा, निसान और मित्सुबिशी मोटर्स – ने विश्व की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी बनाने के लिए विलय करने का इरादा जाहिर किया है। इस विलय का उद्देश्य उद्योग में तेजी से बढ़ती इलेक्ट्रिफिकेशन और उभरती तकनीकों की चुनौतियों का सामना करना है।

दोनों कंपनियों ने पहले ही रणनीतिक साझेदारी की संभावनाओं को तलाशने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर लिए हैं, जिसमें छोटी साझेदार कंपनी मित्सुबिशी मोटर्स भी बातचीत में शामिल है। मित्सुबिशी अभी अपनी भागीदारी का आकलन कर रही है और जनवरी 2025 तक निर्णय ले सकती है।

प्रस्तावित विलय में एक संयुक्त होल्डिंग कंपनी का निर्माण शामिल होगा, जिसमें ये तीनों वैश्विक कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के पुर्जों और स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक जैसे क्षेत्रों में बेहतर तालमेल के लिए काम करेंगे। यह सहयोग जापानी ऑटोमोबाइल कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के साथ ईवी बाज़ार की दौड़ में मदद करेगा।

होंडा और निसान ने मार्च से ही अपनी साझेदारी की संभावनाओं को खंगालना शुरू कर दिया था और अगस्त तक मित्सुबिशी मोटर्स भी इस चर्चा में शामिल हो गया। तब से तीनों कंपनियों ने ईवी पुर्जे, बैटरियों सहित साझा करने और स्वायत्त वाहनों के लिए सॉफ़्टवेयर विकास को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है।

 

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