ड्रैगन की हवा निकलेगी! 6 साल में EV इंडस्ट्री बनेगी 20 लाख करोड़ की!
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में 8वें कैटलिस्ट कॉन्फ्रेंस-ईवी एक्सपो-2024 में भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार के भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारतीय ईवी बाजार का आकार 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है, जो न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बल देगा, बल्कि इस क्षेत्र में लगभग 5 करोड़ नई नौकरियों के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि ईवी फाइनेंसिंग का बाजार भी इसी अवधि में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ेगा। यह वृद्धि न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देगी, बल्कि इसके साथ जुड़े अन्य उद्योगों जैसे चार्जिंग स्टेशनों और बैटरी उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने जीवाश्म ईंधन के बढ़ते आयात पर चिंता व्यक्त की, जो भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती है। गडकरी ने कहा कि भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है, जो पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टिकोण से चिंताजनक है। इसलिए, सरकार ग्रीन एनर्जी पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें सौर ऊर्जा, जल विद्युत, और बायोमास का विकास शामिल है।
इसके अलावा, गडकरी ने देश में इलेक्ट्रिक बसों की कमी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत को एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की आवश्यकता है, जबकि उपलब्ध बसों की संख्या केवल 50 हजार है। उन्होंने उद्योग के निर्माताओं से आग्रह किया कि वे इस अवसर का उपयोग करें और अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाएं।
भारत अब मोटर वाहन उद्योग में तीसरे स्थान पर है, जापान को पीछे छोड़ते हुए। अमेरिका और चीन पहले और दूसरे स्थान पर हैं, जिनका उद्योग क्रमशः 78 लाख करोड़ रुपये और 47 लाख करोड़ रुपये का है। गडकरी ने इस सफलता को भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं और उद्योग की प्रगति का परिणाम बताया।
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