दागी पीएम-सीएम बिल: विपक्ष में जेपीसी को लेकर दुविधा
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गिरफ्तार होने पर पद से हटाने वाले तीन विधेयकों पर चर्चा के लिए बनाई जाने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में शामिल होने को लेकर विपक्ष अभी भी असमंजस में है।
विधेयकों में ऐसे नेताओं को गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद पद से स्वतः हटाने का प्रावधान है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला तब तक JPC गठित नहीं कर पाए हैं, क्योंकि विपक्ष ने सदस्य नामों की सूचना नहीं दी।
इंडिया ब्लॉक की हिचकिचाहट को देखते हुए, सरकार छोटे दलों और निर्दलीय सांसदों के साथ JPC बना सकती है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां JPC में शामिल होने के पक्ष में हैं, जबकि समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस इसका बहिष्कार चाहती हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले मॉनसून सत्र में संविधान (130वां) संशोधन विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए थे। ये विधेयक सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में किसी दागी नेता के पद पर बने रहने की स्थिति न आए।
