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नियम और शर्तें: संसद में नकद ले जाने की अनुमति या प्रतिबंध।

घटना का विवरण:
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने राज्यसभा की सीट के नीचे ₹500 के नोटों की गड्डियां छुपाई थीं। इस पर सिंघवी ने साफ तौर पर इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मेरे पास मुश्किल से एक ₹500 का नोट होता है। इतने सारे नोट ले जाने का कोई कारण नहीं है।” यह घटना सांसदों के नैतिक आचरण और संसद में उनके व्यवहार को नियंत्रित करने वाले नियमों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।

संसद में आचरण और नियम

संसद में नकदी ले जाने के नियम

संसद में नकदी ले जाने से जुड़े नियम सांसदों के व्यवहार की गरिमा और संसद की कार्यवाही की पवित्रता बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। यहां इन नियमों के मुख्य बिंदु दिए गए हैं:

  • सामान्य दिशा-निर्देश:
    • व्यक्तिगत पर्स या बैग ले जाने पर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ये सामान संसद की गरिमा या कार्यवाही में बाधा न डालें।
    • महिला सांसद व्यक्तिगत उपयोग के लिए हैंडबैग ला सकती हैं, बशर्ते कि वे संसद की गतिविधियों में हस्तक्षेप न करें।
  • नकदी ले जाना:
    • सांसदों के लिए नकदी ले जाने पर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं है, लेकिन संसद के भीतर बड़ी धनराशि का प्रदर्शन या उपयोग सख्त वर्जित है।
    • 2008 के “नोट के बदले वोट” कांड के बाद संसद में नकदी को लेकर कड़े नियम लागू किए गए। इस घटना ने संसद में मर्यादा बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया।

सांसदों के लिए अनुमति प्राप्त वस्तुएं

संसद के नियमों के अनुसार, सांसद निम्नलिखित वस्तुएं संसद में ला सकते हैं:

  • आवश्यक दस्तावेज:
    • विधायी दस्तावेज, नोट्स, रिपोर्ट्स, या विधेयक जो उनके कार्य से संबंधित हों।
    • बहस के लिए तैयार किए गए भाषण या संदर्भ सामग्री।
  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण:
    • मोबाइल फोन, टैबलेट, या लैपटॉप सीमित उपयोग के लिए और अक्सर विशेष अनुमति के साथ लाए जा सकते हैं।
  • व्यक्तिगत सामान:
    • छोटे बैग, पर्स, स्टेशनरी या अन्य उपयोगी व्यक्तिगत वस्तुएं।
    • व्यक्तिगत खपत के लिए पानी या हल्के स्नैक्स।

प्रतिबंधित वस्तुएं

संसद में निम्नलिखित वस्तुओं को लाने पर सख्त प्रतिबंध है:

  • अप्रासंगिक सामग्री:
    • किसी भी अश्लील या अनुचित सामग्री, जैसे पोस्टर, बैनर या प्लेकार्ड।
    • बड़ी मात्रा में नकदी।
  • अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण:
    • रिकॉर्डिंग डिवाइस या कैमरे जिन्हें बिना अनुमति लाया गया हो।
  • हथियार:
    • सांसदों के लिए किसी भी प्रकार के हथियार या सुरक्षा उपकरण लाना सख्त मना है।
  • शोर उत्पन्न करने वाले उपकरण:
    • सीटियों या अन्य उपकरणों जैसे वुवुजेला, जो कार्यवाही में बाधा डाल सकते हैं।

नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई

यदि कोई सांसद अनुचित वस्तुएं लाने या अनुचित व्यवहार में संलिप्त पाया जाता है, तो संसदीय अनुशासन समिति कार्रवाई कर सकती है, जिसमें सदन से निलंबन भी शामिल है।

चर्चित घटनाएं

  1. “नोट के बदले वोट” कांड (2008):
    • यूपीए सरकार के विश्वास प्रस्ताव के दौरान तीन भाजपा सांसदों ने ₹1 करोड़ नकदी के बंडल दिखाए। उन्होंने सरकार पर रिश्वत देने का आरोप लगाया। इस घटना ने संसद में नकदी से जुड़े नियमों को सख्त बनाने की मांग को जन्म दिया।
  2. नकली नोट प्रकरण (2013):
    • एक सांसद ने सदन में नकली नोटों का बंडल दिखाते हुए देश में नकली मुद्रा की समस्या को उजागर किया। इसे संसदीय नियमों का उल्लंघन माना गया।
  3. पेपर स्प्रे कांड (2015):
    • आंध्र प्रदेश के सांसद लगदापति राजगोपाल ने राज्य के विभाजन के विरोध में लोकसभा में पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया। इस घटना ने संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए।
  4. प्लाकार्ड्स के साथ प्रदर्शन:
    • कई बार सांसदों ने महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन करने के लिए प्लेकार्ड्स और बैनर लाए। इससे सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई।

सिंघवी के खिलाफ लगे हालिया आरोप यह दर्शाते हैं कि भारतीय संसद में मर्यादा बनाए रखना और नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। जनता के प्रतिनिधि के रूप में सांसदों से अपेक्षा की जाती है कि वे विधायी प्रक्रिया की गरिमा का पालन करें और अपने कार्यों के माध्यम से संस्थान की प्रतिष्ठा को बढ़ाएं। पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखना लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए अनिवार्य है।

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