पीएम मोदी ने ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ पर किया सचेत, लोगों से इस मंत्र को अपनाने का किया आग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ जैसे साइबर अपराध पर लोगों को चेताया और सतर्क रहने की सलाह दी। लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने एक विशेष मंत्र भी साझा किया, जो इस तरह के घोटाले में फंसने वालों के लिए सहायक साबित हो सकता है।
पीएम मोदी ने ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के बारे में बढ़ाई जागरूकता
प्रधानमंत्री ने एक प्रतिनिधि वीडियो भी दिखाया जिसमें साइबर अपराधी जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर लोगों के डर का फायदा उठाते हैं और अपने संभावित शिकारों की जानकारी जुटाते हैं। उन्होंने कहा, “डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी से सावधान रहें। कोई भी जांच एजेंसी आपको फोन या वीडियो कॉल से इस प्रकार की जांच के लिए संपर्क नहीं करेगी।” मोदी ने लोगों से 1930 नंबर पर राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करने या इसके पोर्टल पर रिपोर्ट करने और पुलिस को सूचित करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह की बातचीत को रिकॉर्ड करें और स्क्रीनशॉट लें, जो कि इस प्रकार के अपराधों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
‘रुको, सोचो और कार्रवाई करो’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ जैसे साइबर अपराध पर चर्चा की और सभी से इस प्रकार के घोटालों का सामना करते समय “रुको, सोचो और कार्रवाई करो” के मंत्र को अपनाने का आग्रह किया। ‘मन की बात’ में उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां राज्यों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर काम कर रही हैं, लेकिन खुद को इस अपराध से बचाने के लिए जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने भारत में एनीमेशन के विकास की भी सराहना की
प्रसारण में, प्रधानमंत्री ने एनीमेशन की दुनिया में भारतीय प्रतिभाओं के बढ़ते प्रभाव की भी बेहद सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत में रचनात्मक ऊर्जा की लहर बह रही है। ‘मेड इन इंडिया’ और ‘मेड बाई इंडिया’ का एनीमेशन की दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय एनीमेशन पात्र जैसे छोटा भीम, कृष्णा और मोटू पतलू बेहद लोकप्रिय हो गए हैं। भारतीय सामग्री और रचनात्मकता को दुनिया भर में पसंद किया जा रहा है। भारत एनीमेशन में क्रांति की ओर बढ़ रहा है और भारतीय खेल भी लोकप्रिय हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का प्रयास हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रहा है और अब भारत 85 से अधिक देशों को अपने रक्षा उत्पाद ईएक्सपोर्ट कर रहा है।