महाकुंभ 2025: स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स ने ली दीक्षा, स्वामी कैलाशानंद गिरि से मां काली का बीज मंत्र प्राप्त किया
प्रयागराज, भारतीय आध्यात्मिकता का केंद्र, इस समय महाकुंभ 2025 का आयोजन कर रहा है। यहां दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक अनुभवों को गहरा करने के लिए जुटे हैं। इन्हीं श्रद्धालुओं में एक खास नाम है लॉरेन जॉब्स, जो एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी हैं। आध्यात्मिकता की ओर अपने झुकाव को दिखाते हुए अब वह अपने नए आध्यात्मिक नाम कमला के रूप में पहचानी जा रही हैं। उन्होंने निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज से दीक्षा प्राप्त की है।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन जॉब्स को मां काली का बीज मंत्र देकर आध्यात्मिक दीक्षा प्रदान की। यह एक महत्वपूर्ण क्षण था, जो उनकी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति गहरी आस्था को दर्शाता है। इस पावन क्षण की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें स्वामी उन्हें आशीर्वाद देते हुए नजर आ रहे हैं।
14 जनवरी 2025 को महाकुंभ का पहला अमृत स्नान हुआ, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान करने पहुंचे। हालांकि, लॉरेन जॉब्स को इस दौरान एक एलर्जी की समस्या हो गई। उनके हाथों में एलर्जी के कारण वह सुबह के सामूहिक स्नान में भाग नहीं ले सकीं।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस स्थिति को संभालते हुए उनके लिए विशेष रूप से स्नान की व्यवस्था की। स्वामी ने कहा कि भीड़भाड़ से अनजान लॉरेन ने इस अनुभव को थोड़ा चुनौतीपूर्ण पाया। इसके बावजूद, उन्होंने रात्रि पूजन, हवन, अभिषेक और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में पूरे समर्पण के साथ भाग लिया।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय आध्यात्मिक परंपराएं दुनियाभर के लोगों को आकर्षित करती हैं। महाकुंभ की दिव्यता और गहराई को समझने के लिए हर कोने से लोग यहां आते हैं। लॉरेन जॉब्स की उपस्थिति और उनकी भागीदारी ने इस बात को और मजबूत किया है।
महाकुंभ 2025 की भव्यता ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है, और इस दौरान लॉरेन जॉब्स का महाकुंभ में हिस्सा लेना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। भारतीय आध्यात्मिकता को अपनाने और इन अनुष्ठानों में भाग लेने का उनका निर्णय उन्हें इस पवित्र आयोजन के सबसे चर्चित चेहरों में से एक बनाता है।
महाकुंभ: संस्कृतियों का संगम
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और समावेशिता का भी प्रतीक है। लॉरेन जॉब्स की यात्रा, जो एक वैश्विक व्यापार आइकन की पत्नी से एक भारतीय आध्यात्मिक साधक तक पहुंची, इस बात का उदाहरण है कि भारतीय परंपराओं की शक्ति किस प्रकार दुनिया को जोड़ने का काम करती है।