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यूपी के बहराइच में आखिरकार लोगों को मिल गई भेड़िये-आतंक से मुक्ति

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील में आतंक मचाने वाले छह भेड़ियों के झुंड का आखिरी भेड़िया तामाचपुर गांव के ग्रामीणों द्वारा मार दिया गया। प्रशासन ने इन छह भेड़ियों को पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन भेड़िया’ शुरू किया था, जिन्होंने जुलाई के मध्य से अब तक आठ लोगों की जान ली और 20 से अधिक लोगों को घायल किया था।

शनिवार देर रात ग्रामीणों द्वारा मारी गई भेड़िया एक मादा थी और वह लंगड़ी नहीं थी, जैसा पहले संदेह किया गया था। भेड़िये के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

“शनिवार देर रात को हमें सूचना मिली कि महसी तहसील के रामगांव थाना क्षेत्र के तामाचपुर गांव में लोगों ने एक भेड़िये को मार गिराया। जेसे ही हम वहां पहुंचे, तो हमें एक भेड़िये और एक बकरी के शव मिले। भेड़िये के शरीर पर चोट के निशान थे और वह खून से लथपथ था,” प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने पीटीआई को बताया।

उन्होंने बताया की, “करीबी निरीक्षण में पता चला है कि मरा हुआ भेड़िया एक वयस्क मादा थी। बाद में पूछताछ कर पता चला कि भेड़िया आबादी वाले क्षेत्र में घुस आया था और एक बकरी को ले जा रहा था। रास्ते में ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और मार डाला। मरे हुए भेड़िये को पोस्टमार्टम के लिए रेंज ऑफिस लाया गया है।”

जब डीएफओ से पूछा गया कि क्या मारा गया मादा भेड़िया लंगड़ा था, तो उन्होंने कहा, “आदमखोर भेड़ियों के इस झुंड में कोई भी लंगड़ा भेड़िया नहीं था।”

ग्रामीणों का कहना है कि भेड़िया गांव में एक घर के आंगन में अपनी मां के पास सो रहे एक मासूम बच्चे पर हमला करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मां की चीखों से डरकर वह भाग गया और एक बकरी पर हमला कर दिया। बाद में, ग्रामीणों ने भेड़िये को घेरकर उसे पीट-पीटकर मार डाला।

महसी तहसील के 50 गांवों में आतंक मचाने वाले इन छह भेड़ियों के झुंड ने कम से कम आठ लोगों की जान ली, जिनमें से सात बच्चे थे। पहले मामले में, माकूपुरवा गांव में अपनी फैमिली के साथ सो रही 11 साल की बच्ची को एक जंगली जानवर ने रात में बिस्तर से उठाकर गर्दन से पकड़ लिया था। परिवार ने शोर मचाया और जानवर का पीछा किया, जिससे उसने घायल बच्ची को छोड़ दिया।

दूसरी घटना भवानीपुर गांव में हुई, जहां एक 10 साल की बच्ची को सुबह करीब 5 बजे एक भेड़िया बिस्तर से घसीटकर ले जाने लगा। बच्ची की मां ने कहा, “हमने भेड़िये को सामने से आते हुए देखा और उसे लाठियों से मारने लगे। उसने तुरंत बच्ची को छोड़ दिया और भागने लगा।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 सितंबर को इस इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया था और हालिया भेड़िया हमलों में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों से मुलाकात की थी।

पहले विशेषज्ञों ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़िया हमलों में वृद्धि के पीछे रेबीज या कैनाइन डिस्टेंपर वायरस जैसी वायरल बीमारियाँ हो सकती हैं। अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस, जो बड़ी बिल्ली प्रजातियों और उनके आवासों के संरक्षण के लिए कई देशों और एजेंसियों का एक समूह है, ने कहा कि इसका सही कारण पकड़े गए जानवरों के सही विश्लेषण के बाद ही पता चल सकता है, हालांकि, वायरल बीमारियाँ हमलों के पीछे का कारण हो सकती हैं। 

 

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