यूपी सीएम के ‘वंदे मातरम’ आदेश पर मुस्लिम नेताओं का विरोध, स्कूलों से बच्चों को निकालने की चेतावनी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य के सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में “वंदे मातरम” का गायन अनिवार्य करने की घोषणा के बाद विवाद तेज़ हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना को बढ़ावा देना है।
हालांकि, कई मुस्लिम नेताओं ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया। जमीयत उलेमा-ए-महाराष्ट्र के अध्यक्ष मौलाना हलीम उल्लाह कासमी ने कहा कि “हमारा धर्म हमें केवल अल्लाह की इबादत करने की शिक्षा देता है। वंदे मातरम का अनिवार्य पाठ इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ़ है। यदि यह लागू किया गया तो हम अपने बच्चों को स्कूल से निकालने पर मजबूर होंगे।”
कासमी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय हमेशा देश के प्रति सम्मान दिखाता रहा है, लेकिन वंदे मातरम के नाम पर यह निर्देश केवल मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए लगाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि मुस्लिम बच्चे गायन में भाग नहीं लेंगे और यदि सरकार ने आदेश लागू किया, तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
मौलाना ने पहले हुए सूर्य नमस्कार विवाद का भी हवाला देते हुए कहा कि जब वह अनिवार्य किया गया था, तब मुस्लिम अभिभावकों से बच्चों को स्कूल से निकालने की अपील की गई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों का विश्वास खोने से बेहतर है कि वे शिक्षा प्राप्त करें, लेकिन अपने धर्म के प्रति सच्चे रहें।
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