सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी-नेट परीक्षा टालने की याचिका खारिज की, अनिश्चितता और अव्यवस्था की चेतावनी दी
सुप्रीम कोर्ट ने आज यूजीसी-नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में सरकार द्वारा परीक्षा रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन सदस्यीय बेंच ने यह फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले पर सुनवाई की गई तो इससे “घोर अव्यवस्था” पैदा हो जाएगी। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा पहले ही 18 जून को आयोजित की गई थी, और इसे रद्द कर दिया गया। सरकार अब 21 अगस्त को नए सिरे से परीक्षा आयोजित कर रही है। कोर्ट का मानना है कि इस समय छात्रों को “तसल्ली” की भावना होनी चाहिए, और किसी भी प्रकार की सुनवाई से स्थिति और अधिक जटिल हो सकती है।
चीफ जस्टिस ने प्रवीण डबास और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस समय इस पर विचार करने से अनिश्चितता और अव्यवस्था ही बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को नीट-यूजी विवाद के बाद दोगुना सतर्क रहना चाहिए, और इस प्रक्रिया को अब निर्बाध रूप से चलने दिया जाना चाहिए।
इससे पहले भी, सुप्रीम कोर्ट ने इसी मुद्दे पर दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि यह याचिका वकील द्वारा दायर की गई थी, न कि पीड़ित छात्रों द्वारा। कोर्ट ने उस समय भी याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि ऐसे मामलों को पीड़ितों के लिए ही छोड़ देना चाहिए।