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बेंगलुरु में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज 

बेंगलुरु की एक अदालत ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ अब रद्द किए जा चुके इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से वसूली के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। 

जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर द्वारा निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए वसूली का आरोप लगाया गया था। इसके बाद बेंगलुरु में जनप्रतिनिधि विशेष अदालत ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। 

फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसे रद्द कर दिया था और कहा था कि यह नागरिकों के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करता है। केंद्र ने 2018 में यह योजना पेश की थी, जिसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को नकद चंदा देने की जगह पारदर्शिता बढ़ाना था। 

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की और कहा कि इस मामले में तीन महीनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए। 

उन्होंने कहा, “जनप्रतिनिधि विशेष अदालत में निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वह कौन हैं? वह एक केंद्रीय मंत्री हैं, और उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए वसूली में उनकी संलिप्तता थी, और इसी पर एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। क्या बीजेपी उनसे इस्तीफा मांगेगी?”

सिद्धारमैया ने आगे कहा, “अब भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए के तहत जांच पूरी कर तीन महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए। इसी आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।” 

धारा 17ए सार्वजनिक सेवकों को बेबुनियाद आरोपों से सुरक्षा प्रदान करती है। इस प्रावधान के तहत किसी पुलिस अधिकारी को किसी सार्वजनिक सेवक के खिलाफ किसी अपराध की जांच या पूछताछ के लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होता है। 

सिद्धारमैया ने बताया, “मेरे मामले में निचली अदालत ने आदेश दिया है। राज्यपाल ने धारा 17ए के तहत जांच की मांग की है, और अदालत ने निर्देश दिया है कि जांच पूरी कर तीन महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।” 

गौरतलब है कि सिद्धारमैया को भी एमयूडीए मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए के तहत जांच का सामना करना पड़ेगा। 

इस बीच, सिद्धारमैया ने जेडीएस नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा, “पहले कुमारस्वामी इस्तीफा दें। क्या उन्हें भी इस्तीफा नहीं देना चाहिए? पहले वे इस्तीफा दें। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस्तीफा देना चाहिए। चुनावी बॉन्ड वसूली मामले में पीएम मोदी को भी इस्तीफा देना चाहिए। निर्मला सीतारमण को भी इस्तीफा देना चाहिए। कुमारस्वामी जमानत पर बाहर हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।”

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