आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, डॉक्टरों की मशाल रैलियां
30 सितंबर 2024: सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मामले में सुनवाई हुई, जिसमें उस युवा ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित आरोपों पर चर्चा की गई, जिसकी हत्या 19 अगस्त को इसी कॉलेज में हुई थी। इस सुनवाई का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था, जिसमें इस मामले के संदर्भ में उठाए गए गंभीर आरोपों का जवाब देने को कहा गया था।
इस घटनाक्रम के चलते, पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने विभिन्न जिलों में मशाल रैलियां निकालीं, जिसमें उन्होंने न्याय की मांग की और अस्पतालों में सुरक्षा की स्थितियों में सुधार की अपील की। ये रैलियां कई क्षेत्रों में आयोजित की गईं, जैसे सुंदरबन, डायमंड हार्बर और जलपाईगुड़ी। डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एक “धमकी की संस्कृति” व्याप्त है, जो छात्रों और जूनियर डॉक्टरों को प्रभावित कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने पहले कहा था कि सीबीआई की जांच रिपोर्ट चिंताजनक है, और इसे गंभीरता से लिया जाएगा। यदि आरोपों में से कोई भी सच है, तो अदालत इस पर कार्रवाई करेगी। इस मामले में, जूनियर डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी हड़ताल को जारी रखने का निर्णय सरकार के हलफनामे के आधार पर लेंगे, जिसमें उनकी सुरक्षा के उपायों पर जोर दिया गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। यह मामला केवल एक चिकित्सा संस्थान की स्थिति का नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा और सुधार का भी प्रतीक बन गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों ने चिकित्सा शिक्षा में सुधार की दिशा में एक गंभीर बहस छेड़ दी है।
इस घटनाक्रम का प्रभाव व्यापक स्तर पर देखा जा रहा है, और यह मांग की जा रही है कि राज्य सरकार तुरंत कदम उठाए ताकि ऐसे भयावह घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। डॉक्टरों की इन रैलियों ने इस मुद्दे को सार्वजनिक चर्चा में लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है, और अदालत की सुनवाई के परिणाम का सभी को बेसब्री से इंतजार है